जंग के दौरान सत्य इतना बहुमूल्य होता है कि उसके आस-पास झूठ के अंगरक्षकों का होना ज़रूरी है
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जनतंत्रवादः न्याय को ताकतवर न बना सकने पर हमने तय किया है कि ताकत ही न्याय है
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जनता की अज्ञानता फैलाने के कारण यह है कि सभी लोग पढ़ना और लिखना जानते हैं
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जनमत ... समाज की अज्ञानता को व्यवस्थित करना और उसे शारीरिक ताकत तक उठा देना
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जनमत की सतर्कता ही किसी भी समाज का भविष्य सुरक्षित कर सकती है
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जन्मने वाले को माता-पिता के अलावा जन्म की जगह और साल के बारे में एहतियात बरतना चाहिए
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जब आदमी को ठंड, भूख या डर न लगे तब वह असंतुष्ट हो जाता है
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जब आदमी बाघ की जान लेता है तो उसे शिकार कहा जाता है; जब बाघ आदमी मारता है तो उसे जंगलीपन कहते हैं
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जब इंसानी रूह बदले की भवना त्याग देती है और चोट लगाने वाले को माफ़ कर देता है तभी वह सबसे ज़्यादा ताकतवर लगती है
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जब कोई उसे केवल आत्म-परीक्षा के तौर पर पढ़ता है। लेखक की कृति पाठक को अपने अंदर वह दिखाती है जो वह स्वयं नहीं देख पाता
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जब ख़ुद को बहुमत में पाएं तब रुक कर सोचने का समय होता है
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जब ख़ुशी से कूदो तो ध्यान रखो कि कोई तुम्हारे पैरें तले की ज़मीन न खींच ले जाए
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जब जनता अपनी भाषा की रक्षा नहीं करती तब वह दासता के लिए तैयार हो जाती है
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जब जनता किसी के लिए तालियां बजाती है तो मेरा मन उस शख़्स के लिए सम्वेदना से भर जाता है। जूते खाने के लिए उसे पर्याप्त रूप से लम्बे जीवन की आवश्यकता है
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जब जब कुछ सिखाएं तो उस सबक पर अविश्वास करना भी सिखाएं
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जब जब तुम कुछ ख़रीदते हो, अपना वोट डालते हो
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जब ज़रूरत इतनी ज़्यादा हो तब कई लोग किसी भी चीज़ पर विश्वास कर लेंगे
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जब तक अनुवाद रहेगा तब तक भाषा गंतव्य की जगह मात्र एक वाहन बनी रहेगी
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जब तक आदमी की त्वचा का रंग उसकी आंखों के रंग की तरह आम नहीं होता - हर जगह जंग है
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जब तक तुम्हरी कमर झुकी न हो तब तक कोई तुम्हारी पीठ पर सवार नहीं हो सकता
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जब तक तेल है तब तक पश्चिमी एशिया में शांति नहीं होगी
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जब तक मेरे पास करने को कुछ बचेगा, तब तक मैंने कुछ नहीं किया
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जब तक वह ऊंचाई की तरफ़ जाता हो तब तक अपने ही झुकाव पर निर्भर करना अच्छा है
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जब तक है, तब तक प्रेम अमर है
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जब तर्क हमारी ओर न हो तो उससे बदसूरत और कोई चीज़ नहीं
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जब तुम और योजनाएं बनाने में व्यस्त होते हो तो ज़िन्दगी हो जाती है
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जब तुम किसी चीज़ की इच्छा करो तो सारा जगत उसे पाने की साजिश करता है
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जब तुम किसी चीज़ की जगह कुछ बनने का निर्णय ले लेते हो तो बहुत सारी परेशानियां अपने आप ही उड़ जाती हैं
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जब तुम दूसरों की आंखों में झांक कर देखते हो तो स्वयं को देखने पर मजबूर हो जाते हो
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जब पडोसी की नौकरी छूट जाए तो अस्थाई मंदी हुई, जब अपनी छूट जाए तो पक्की मंदी
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जब प्रेरणा आएगी तो मुझे पेंट करता हुआ पाएगी
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जब बाज़ी अपने हाथ में हो तो आदमी को हमेशा ईमानदारी से खेलना चाहिए
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जब बोलने की गुंजाईश न हो जब ख़ामोश रहना ही उचित है
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जब भगवान हमें सज़ा देना चाहते हैं तो हमारी प्रार्थना सुन लेते हैं
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जब भाषा भ्रष्ट हो जाती है तब आदमी का विश्वास सुने हुए पर से उठ जाता है, और यही बात हिंसा को जन्म देती है
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जब मैं कमउम्र का था तब मुझे सब याद रहता था, फिर चाहे वह घटित हुआ हो या नहीं
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जब मैं छोटा बच्चा था तब मुझसे कहा गया था कि कोई भी राष्ट्रपति बन सकता है। अब मुझे उस बात पर विश्वास होने लगा है
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जब मैं मर जाऊंगा तो मेरे लिए कोई नहीं रोएगा, और कोई मिट्टी मुझे नहीं ढकेगी क्योंकि मैं स्वतंत्रता की हवा हूं
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जब मैंने ग़रीबों को खाना दिया तो उन्होंने मुझे संत माना। जब मैंने पूछा कि ग़रीबों को खाना क्यों नहीं मिलता, जब उन्होंने मुझे समाजवादी क़रार दिया
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जब यह सार्वजनिक रूप से ज्ञात है कि सिगरेट हानिकारक है तो फिर वह आसानी से बिकती क्यों है?
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जब सदाचार सो लेगा तो ताज़गी के साथ उठेगा
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जब सब एक तरह सोचते हैं तो कोई कुछ नहीं सोचता
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जब स्त्री यह चाहती है कि पुरुष उस तक पहुंचे तो पहला काम भागने का करती है
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जब स्थापित व्यवस्था ग़लत हो तो सही रहना ख़तरनाक होता है
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जब हम कम जानते हैं, तभी ठीक जानते हैं; ज्ञान के साथ शक भी बढ़ जाता है
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जब हम कहते हैं 'सोचो', तो हमारा मतलब होता है मौत के बारो में सोचो
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जब हम किसी भी चीज़ का पूरी तरह से अध्ययन न करें तभी हमारे अंदर धारणाएं बनती हैं
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जब हम मर नहीं सकेंगे तब कितनों के लिए जीवन जीने योग्य रह जाएगा?
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जब हम स्वयं को भूल जाते हैं, तभी ऐसे काम करते हैं जिससे हमारी याद कायम रहे
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जल्द ही वीथियां खुल जाएंगी और स्वतंत्र लोग एक बेहतरीन समाज बनाने के लिए आने-जाने लगेंगे
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जवान अपने भविष्य और वृद्ध अपने बुढ़ापे को ले कर गफ़तल करते हैं
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जवान बनने में बहुत समय लगता है
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जहां किताबें जलाई जाती हैं, वहां आदमी भी जलाए जाते हैं
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जहां ज़्यादा रोशनी होती है वहां अंधेरा भी गहरा होता है
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जहां न्याय की तलवार नहीं पहुंच पाती वहां व्यंग की चाबुक काम आती है
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जहां सहजता नहीं है वहां महानता नहीं
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ज़मीन मालिकों की है मगर दृश्य उनके जो उनकी प्रशंसा कर सकें
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ज़िन्दगी आदमी का बहुत समय ले लेती है
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ज़िन्दगी एक संक्रामक वीमारी है
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ज़िन्दगी की बेहतरीन चीज़ें ढूंढ़ी नहीं पाई जाती हैं
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ज़िन्दगी नहीं बुढ़ापा लंबा होता है
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ज़्यादातर ग़लतफ़हमी ही दो लोगों के बीच का संपर्क-साधन होती है
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जानवरों का क्रूरता से बचाना आदमी का सबसे बड़ा फ़र्ज़ है
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जानवरों को आनन्द से भी ज़्यादा एक और चीज़ उत्तेजित करती है, और वह है दर्द
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जानवरों पर अंकुश पाने की कला का बेहतरीन उदाहरण धर्म है क्योंकि वह लोगों को उनके सोचने के तरीक़े सिखाता है
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जितना तुम्हारे पास है उतना ही तुम और चाहते हो, जितना कम तुम्हारे पास है उतना ही ज्यादा देते हो
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जितने ज़्यादा कानून होंगे उतने ही अधिक चोर होंगे
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जिन पुस्तकों से प्रकाशकों को घाटा हुआ है उनसे संस्कृति को बहुत लाभ हुआ है
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जिन्हें बहुत कुछ मालूम होता है उनके लिए झूठ न बोलना बड़ा मुश्किल होता है
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जिस किसी चीज़ का आविष्कार हुआ है वह सत्य है
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जिस ख़र्च पर राजनीतिक प्रचार होता है वह ईमानदार आदमी की पहँच से बहुत ऊपर है
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जिस चीज़ की हमें आदत नहीं उसे हम बर्बर कहते हैं
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जिस तरह परिस्थितियां आदमी को बनाती हैं उसी तरह आदमी भी परिस्थितियां बनाता है
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जिस देश में नब्बे प्रतिशत जनता कर न अदा करना चाहे, उस पर कर लगाना क्या लोकतांत्रिक है?
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जिस विचारहीनता से दुष्ट सोचता है कि सब कुछ ठीक होगा, वह मनोरंजक है
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जिस सपने के आलिंगन में हो औरत उसी का रूप धारण कर लेती है
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जिस समाचार के बारे में आपके पास पहली सूचना है, उसके अलावा जो कुछ आप अख़बार में पढ़ते हैं वो सब सही है
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जिसकी खुशियां सस्ती हों वही सबसे अमीर है
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जिसके पास कल्पना न हो उसके पास पर नहीं
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जिसने कभी दुश्मन नहीं बनाए, वह दोस्त भी नहीं बना पाएगा
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जिसे कोई अपेक्षा नहीं वही स्वतंत्र है
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जिसे प्यार मिला हो वह ग़रीब कैसे हो सकता है?
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जिसे हंसना आता है वह विश्व का मालिक है
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जीवन एक अधूरा वाक्य है
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जीवन एक गंदी नाली है। उसमें जो डाला जाएगा वही मिलेगा
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जीवन का सबसे ठोस आनंद मृगतृष्णा का ख़ाली आनंद है
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जीवन की बहुमूल्य चीज़ें वह नहीं जो पैसे से ख़रीदी जाती हैं
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जीवन को सहने योग्य बनाने के लिए झूठ अति आवश्यक हैं
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जीवन दर्शक के सामने वायलिन बजाते हुए उसे सीखने के समान है
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जीवन बस की तरह है, जब तुम्हें बैठने का लिए जगह मिलती है तब उतरने का वक़्त आ जाता है
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जीवन में जिन चीज़ों का अर्थ है वह मुफ़्त की जाती हैं
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जीवन में सच्चाई और सच्चाई में जीवन ढूंढ़ना मेरा धर्म है
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जीवन में सबसे बड़ा ख़तरा ज़रूरत से ज़्यादा सावधनी बरतना है
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जीवन में हर मनुष्य का एक कार्य है और वह वो नहीं
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जीवन मेरे लिए अब मज़ाक नहीं रह गया है। मुझे इसमें कोई मज़ा नहीं आता
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जीवन वह नहीं जो जिया गया हो, वह है जो याद रहता है और वर्णन करने के लिए किस तरह याद रहता है
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जीवन व्यर्थ है पर इससे ज़्यादा मूल्यवान् और कुछ नहीं है, मैंने तो यही सीखा है
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जेलों में ड्रग आसानी से मिल सके, यह तो सही बात नहीं है
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जैसे जिस्म के लिए खाना ज़रूरी है वैसे ही आत्मा के लिए एकान्त आवश्यक है
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जैसे मधुमक्खियां शहद बनाती हैं वैसे आदमी बुराई का उत्पादन करता है
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जैसे मुझे अपने जन्म की पर्वाह नहीं थी उसी तरह अपनी मृत्यु की पर्वाह भी नहीं है
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जैसे मोम के लिए गर्माहट है, वैसे ही मानवीय स्वभाव के लिए सज्जनता है
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जैसे हम जीना चाहते हैं वैसे जीना स्वार्थ नहीं, वह तो दूसरों को अपने हिसाब से जिलाना है
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जैसे हम दोस्तों की प्रशंसा से बर्बाद होते हैं, वैसे ही दुश्मनों की लानतों से बेहतर हो सकते हैं
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जैसे ही आप किसी चीज़ को सह लेते हैं वह सहनीय हो जाती है और जल्द ही आम हो जाती है
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जो अतीत है वह भूमिका है
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जो अपनी ज़ुबान पर क़ाबू रखे मैं उसी को आदमी मानता हूं
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जो आभार की अपेक्षा नहीं करता वही सुखी है क्योंकि उसका भ्रम कभी नहीं टूटेगा
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जो आसानी से न मिल सके उसकी क़ीमत बहुत ऊंची होती है
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जो इंसान अच्छी किताबें नहीं पढ़ता वो उस इंसान से बेहतर नहीं जो वे किताबें पढ़ नहीं सकता
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जो कर अदा करना चाहते हैं सिर्फ़ उन्हीं को कर करमुक्त देशों में रहना चाहिए: इतने छोटे होते हैं...
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जो करते हो अगर उसे करना तुम्हें अच्छा लगता है तो वह काम कभी काम नहीं होता
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जो कहा जाए उसका उतना महत्व नहीं है वरन् उसका जिसे कहने की आवश्यकता न पड़े
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जो कहा नहीं जा सकता उसे ज़ाहिर करने के लिए मुझे कविता की ज़रूरत है
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जो काम पूरे हो चुके हैं उन पर कोई ध्यान नहीं देता; जो काम बचे हैं उन्हीं को देखता है
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जो किताब दो बार न पढ़ी जा सके वह एक बार पढ़ने योग्य भी नहीं है
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जो कुछ नहीं मांगता सबकी अपेक्षा कर सकता बै
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जो कुछ भी कहना चाहते हो उसकी अभिव्यक्ति के लिए केवल एक संज्ञा, एक क्रिया और एक विशेषण हैजो कुछ भी कहना चाहते हो उसकी अभिव्यक्ति के लिए केवल एक संज्ञा, एक क्रिया और एक विशेषण है
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जो कुछ भी तुम चाहो वह तुम्हें मिल जाए, यह अच्छी बात नहीं
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जो कुछ भी हम भूख न लगने पर भी खाते हैं वह ग़रीबों के पेट से चुराया होता है
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जो कुछ भी है, और हम जो कुछ भी हैं वह सब, अंततः, शब्दों से बना है
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जो कुछ मैंने बांट दिया है उसके अतिरिक्त उतनी पूर्णता से मेरे पास और कुछ नहीं है
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जो कोई लोगों का मरना सिखाता है, उन्हें जीना सिखाता है
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जो ख़ुशी हमने बांटी है वही हमारी अमानत है
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जो चीज़ कल्पना में उतर सकती है उसे एक दिन वास्तविकता का रूप मिलेगा
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जो जितना बुद्धिमान होता है उससे मूर्खता की उम्मीद उतनी ही कम होती है
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जो झुंड के लिए अच्छा नहीं है वो मधुमक्खी के लिए भी ठीक नहीं
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जो थोड़ा बहुत मैं जानता हूं उसका श्रेय मेरी अज्ञानता को जाता है
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जो दिन में सपने देखते हैं वे कई चीज़ों से अवगत होते हैं जो केवल रात में सपने देखने वाले नहीं जानते
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जो न पीता हो उसके मानसिक स्वास्थ्य कि लिए सुरा बहुत हानिकारक है
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जो फ़र्क इस दुनिया में देखना चाहते हो, वही फ़र्क बनो
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जो बेहद दुखी हो वही दूसरों पर दया कर सकता है
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जो भी सितारों की ओर यात्रा करना चाहता हो वह हमसफ़र की तलाश न करे
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जो मैं खो चुकी हूं वही हमेशा के लिए मेरा है
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जो लेखक गहराई में नहीं जाता वह हमेशा सतह पर ही बहता रहेगा
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जो लोग कुछ कर के दिखा सके हैं वे सभी सपने देखने वाले रहे हैं
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जो लोग देखना चाहते हैं उनके लिए फूल पर जगह हैं
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जो लोग बहुत बोलते हैं वे कुछ नहीं कहते
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जो लोग सुन्दरता देखने की काबलियत अपने अंदर रखते हैं वे कभी बूढ़े नहीं होते
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जो व्यक्ति क्रोध करना नहीं जानता वह कृपालु होना भी नहीं जानता
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जो शब्द बहुत ज़्यादा लोकप्रिय हो जाते हैं वे भाषा को ग़रीब बना देते हैं
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जो सुन्दरता के लिए जीते हैं वे केवल क्षण के लिए जीते हैं
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जो हम नहीं हैं उसके लिए कल्पना हमें सांत्वना देती है, और जो हम हैं उसके लिए विनोद हमें ढांढस देता है
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जो हम नहीं हैं उससे मेल खाने के चक्कर में जो हम हैं वह भी नहीं रह जाते
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जो हम हैं वही अच्छी तरह से बनें, इसी में असली उपलब्धि है
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ज्ञान की ओर सबसे पहला क़दम गुरू और शिष्य के बीच आपसी सम्मान और स्नेह है
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ज्ञान ही मात्र अच्छाई है, और अज्ञान ही मात्र बुराई
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