
[ No Biography for this Author ] |
अनुवादक संस्कृति के लद्दू घोड़े होते हैं |
जहां न्याय की तलवार नहीं पहुंच पाती वहां व्यंग की चाबुक काम आती है |
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जहां न्याय की तलवार नहीं पहुंच पाती वहां व्यंग की चाबुक काम आती है |