Logos Multilingual Portal

Select Language



Oscar Wilde (1854 - 1900)  

Poet and dramatist, son of Sir William Wilde, the eminent surgeon, was born in Dublin, and educated first at Trinity College, and later at Oxford.
He was one of the founders of the english esthetic movement which believed in art less as an escape from than as a sobstitute for life.
The poets of the nineties aimed to demonstrate, in their works as well as in their existence, a way of life which was identical to a way of art. Among his writings are Poems (1881), The Picture of Dorian Gray, a symbolic novel and the manifesto of english estheticism, and several plays, including Lady Windermere’s Fan, A Woman of no Importance, and The Importance of being Earnest. In his comedies, unlike his prose writings, Wilde strove to reduce the formulas of the Victorian melodrama to an ultrasophisticated stylization. But dialogues and plots showed an ideal wit and an extraordinary love of paradox capable of provoking and shocking the contemporary audience.
Later on in his brief life, he was convicted of a serious offence (Wilde was accused of homosexuality), and after his release from prison in Reading, he went abroad and died miserably in Paris at the age of 46.
From Biographical Dictionary of English Literature - the Everyman Edition of 1910


links:
 - Photographs of Oscar Wilde
 - The World-Wide Wilde Web

अगर हमें इस बात का डर न होता कि कोई उन्हें उठा लेगा तो हम कई चीज़ें फेंक देते
अमरीकियों से हमारी कितनी बातें मिलती हैं - ज़ाहिर है भाषा के सिवा
आदमी एक व्यावहारिक पशु है जो तर्क की पुकार पर अपना आपा खो देता है
आनन्द का राज़ प्रलोभन के सामने हथियार डालने में है
आम श्रेणियों का एकमात्र उद्देश्य अच्छा उदाहरण देना है
इन्सान की दो श्रेणी हैं: उचित और अनुचित। उचित श्रेणी विभाजन करती है
इन्सानियत को नहीं पता था कि वह कहां जा रही है, और इसीलिए उसे अपना रास्ता मिल सका
इस दुनिया केवल दो त्रासदियां हैंः जो चाहें वह न मिल और उसका मिल जाना
काम उन लोगों की पनाह है जिनके पास करने के लिए और कुछ नहीं है
कितनी वाहियात बात है कि आजकल लोग दूसरों के पीठ पीछे ऐसी बातें कहते हैं जो बिल्कुल सही हैं
किसी व्यक्ति को बर्बाद करने के लिए उसकी अच्छाई करना पर्याप्त है
कैसी त्रासदी है कि जैसे ही इन्सान ने मशीन का आविष्कार किया भूखों मरने लगा
गम्भीर मामलों में सच्चाई नहीं स्टाइल ज़्यादा ज़रूरी चीज़ है
जनमत ... समाज की अज्ञानता को व्यवस्थित करना और उसे शारीरिक ताकत तक उठा देना
जब बाज़ी अपने हाथ में हो तो आदमी को हमेशा ईमानदारी से खेलना चाहिए
जब भगवान हमें सज़ा देना चाहते हैं तो हमारी प्रार्थना सुन लेते हैं
जिसे प्यार मिला हो वह ग़रीब कैसे हो सकता है?
जैसे हम जीना चाहते हैं वैसे जीना स्वार्थ नहीं, वह तो दूसरों को अपने हिसाब से जिलाना है
ड्यूटी की अपेक्षा दूसरों से की जाती है
दूसरे हमसे निकृष्ट हैं यह जानते हुए हमें शालीन होना चाहिए
बड़े-बड़े शब्दों के इस्तेमाल की क्या ज़रूरत? उनका अर्थ कितना छोटा होता है
मुझे अपने आप से बात करना अच्छा लगता है। अक्सर मैं अपने आप के साथ, स्वयं को सुनने के लिए, बातें करता हूं। और कभी-कभी इतना अक्लमंद हो जाता हूं कि अपनी ही कही बात नहीं समझ पाता
मेरी पसन्द बहुत साधारण हैं। मैं बेहतरीन चीज़ों से हमेशा सन्तुष्ट रहता हूं
मैं सत्तर से अधिक उम्र के पुरुषों की प्रशंसा करता हूं। वे औरतों को हमेशा पूरी ज़िन्दगी भर प्रेम दे सकते हैं
मैं सब कुछ जानने के लिए पर्याप्त रूप से जवान नहीं हूं
यह अनिश्चय भयंकर है। मैं उम्मीद करता हूं कि अभी और चले
वैसे तो मैं जो सोचता हूं वह कह देता हूं। लेकिन आजकल यह एक भारी गलती है क्योंकि ग़लतफ़हमी का ख़तरा है
शिक्षा एक प्रशंसनीय चीज़ है, लेकिन यह याद रखना चाहिए कि सीखने वाली कोई ऐसी चीज़ नहीं जो सिखाई जा सके
संसार की बड़ी-बड़ी घटनाएं दिमाग़ में घटती हैं
सभी कुछ ख़तरनाक है। अगर ऐसा न होता तो ज़िंदगी जीने योग्य न होती
सिगरेट एक आदर्श तरह का आदर्श मज़ा है। बहुत स्वादिष्ट है और व्यक्ति को असंतुष्ट छोड़ता है। इससे ज़्यादा कोई क्या मांग सकता है?
स्त्रियां हमें हमारी कमियों की वजह से चाहती हैं। जितनी कमियां अधिक हों, यहां तक की हमारी अक्ल भी, उतना ही वे हमें क्षमा करती हैं